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FM Nirmala Sitharaman: आसान भाषा में भेजें टैक्स नोटिस, वित्त मंत्री सीतारमण की हिदायत- टैक्सपेयर के मन में नहीं बैठना चाहिए डर!

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Income Tax Notice: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों को टैक्सपेयर्स के लिए फ्रेंडली रवैया अपनाने का निर्देश दिया है…

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को नोटिस भेजने और टैक्सपेयर्स के साथ डील करने को लेकर खास हिदायत दी है. वित्त मंत्री का कहना है कि टैक्स अधिकारियों को टैक्सपेयर फ्रेंडली रवैया अपनाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि टैक्स नोटिस की भाषा आसान होनी चाहिए, ताकि हर कोई उसे समझ सके.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 165वें इनकम टैक्स डे के मौके पर कर अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए फेसलेस व्यवस्था लाई गई है. अब फेसलेस असेसमेंट की व्यवस्था के बाद टैक्स ऑफिसर्स को टैक्सपेयर्स के साथ डीलिंग में फेयर व फ्रेंडली रुख अपनाना चाहिए.

सिंपल और सपाट हो नोटिस की भाषा

उन्होंने कहा कि टैक्स ऑफिसर जब भी किसी टैक्सपेयर को इनकम टैक्स नोटिस भेजें तो अपनी ताकत का सही से इस्तेमाल करें. नोटिस की भाषा आसान होनी चाहिए, ताकि उसे हर कोई समझ सके. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का लक्ष्य टैक्सपेयर्स के मन में डर बैठाना कभी नहीं है. इस कारण टैक्स ऑफिसर्स की भाषा सिंपल और सपाट होनी चाहिए.

नोटिस में साफ-साफ बताएं ये बात

बकौल वित्त मंत्री, नोटिस में गोल-मटोल बातों के बजाए सीधे टैक्सपेयर्स को ये बताया जाना चाहिए कि उन्हें इनकम टैक्स से नोटिस क्यों मिल रहा है. वित्त मंत्री का कहना है कि इंफोर्समेंट के कदम एक दम अंतिम विकल्प होने चाहिए. टैक्स डिपार्टमेंट का पूरा प्रयास इस बात के लिए होना चाहिए कि टैक्सपेयर स्वेच्छा से कानूनों व प्रावधानों का अनुपालन करें.

रिफंड जारी करने में तेजी लाने का निर्देश

इस मौके पर वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स रिफंड मिलने में देरी पर भी बातें की. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स रिफंड को तेजी से जारी करने की काफी गुंजाइश है. वित्त मंत्री की यह टिप्पणी इस कारण अहम हो जाती है, क्योंकि इस साल बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स ने इनकम टैक्स रिटर्न को प्रोसेस करने और रिफंड इश्यू होने में महीनों की देरी की शिकायत कर रहे हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भले ही दावा कर रहा हो कि प्रोसेसिंग में तेजी आई है, लेकिन रिफंड का मामला होने पर प्रोसेसिंग में डिपार्टमेंट को 2 महीने से भी ज्यादा समय लग जा रहा है. इससे रिफंड मिलने में महीनों की देरी हो रही है.